महेश्वर सूत्राणि
| नृत्तावसाने नटराजराजो ननाद ढक्कां नवपञ्चवारम्। | |||||
| उद्धर्त्तुकामो सनकादिसिद्धानेतद्विमर्शे शिवसूत्रजालम्॥ | |||||
| १ | अइउण् | अ-इ-उ | -ण् | ||
| २ | ऋॡक् | ऋ-ॡ | -क् | ||
| ३ | एओङ् | ए-ओ | -ङ् | ||
| ४ | ऐऔच् | ऐ-औ | -च् | ||
| ५ | हयवरट् | ह-य-व-र | -ट् | ||
| ६ | लण् | ल | -ण् | ||
| ७ | ञमङणनम् | ञ-म-ङ-ण-न | -म् | ||
| ८ | झभञ् | झ-भ | -ञ् | ||
| ९ | घढधष् | घ-ढ-ध | -ष् | ||
| १० | जबगडदश् | ज-ब-ग-ड-द | -श् | ||
| ११ | खफछठथचटतव् | ख-फ-छ-ठ-थ-च-ट-त | -व् | ||
| १२ | कपय् | क-प | -य् | ||
| १३ | शषसर् | श-ष-स | -र् | ||
| १४ | हल् | ह | -ल् |

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